Sunday, April 18, 2010

बटला हाउस एनकाउंटर : क्या कहती पोस्टमार्टम रिपोर्ट ?

बटला हाउस एनकाउंटर

क्या कहती पोस्टमार्टम रिपोर्ट ?



अबू ज़फ़र आदिल आज़मी


बटला हाउस एनकाउन्टर के डेढ़ साल बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से एनकाउन्टर कीे न्यायिक जांच की मांग में फिर तेजी आ गई है। मानवाधिकार संगठनों और आम लोग इस एनकाउन्टर पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उनके सवालों को अधिक गंभीर बना दिया है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र अफरोज आलम साहिल ने इस तथाकथित एनकाउन्टर से सम्बंधित विभिन्न दस्तावेजों की प्रप्ति के लिए सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लगातार विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों का दरवाजा खटखटाया किन्तु पोस्टर्माटम रिपोर्ट की प्राप्ति में उन्हें डेढ़ साल लग गए।

अफरोज आलम ने सूचना के अधिकार के अन्र्तगत राष्ट्रीय मानवाधिकर आयोग से उन दस्तावेजों की मांग की थी, जिनके आधार पर जुलाई 2009 में आयोग ने अपनी रिर्पोर्ट दी थी। ज्ञात रहे रहे कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट देते हुए पुलिस का यह तर्क मान लिया था कि उसने गोलियां अपने बचाव में चलाई थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा भेजे गये दस्तावेजों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावा पुलिस द्वारा कमीशन और सरकार के समक्ष दाखिल किए गए विभिन्न कागजात के अलावा खुद आयोग की अपनी रिपोर्ट भी है।

पोस्मार्टम रिपोर्ट के अनुसार आतिफ अमीन 24 साल की मौत तेज दर्द (Shock & Hemorrh age) से हुई और मुहम्मद साजिद


(17 साल) की मौत सर में गोली लगने के कारण हुई है। जबकि इन्स्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा की मृत्यु का कारण गोली से पेट में हुए घाव से खून का ज्यादा बहना बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार तीनों ;अतिफ, साजिद और एम सी शर्माद्ध को जो घाव लगे हैं वह मृत्यु से पूर्व (Antemortem in Nature) के हैं।

रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद आतिफ अमीन के शरीर पर 21 घाव हैं जिसमें से 20 गोलियों के हैं। आतिफ को कुल 10 गोलियां लगी हैं और सारी गोलियां पीछे से मारी गई हैं। 8 गोलियां पीठ पर, एक दांए बाजू पर पीछे से और एक बाई जांघ पर नीचे से। 2x1 सेमी का एक घाव आतिफ के दांए पैर के घुटनों पर है। रिपोर्ट के अनुसार यह घाव किसी धारदार चीज से या रगड़ लगने से हुआ है। इस के अलावा रिपोर्ट में आतिफ की पीठ और शरीर पर कई जगह छीलन है जबकि जख्म न. 20 जो बाएं कूल्हे के पास है, से धातु का एक 3 सेमी टुकड़ा मिला है।

मोहम्मद साजिद के शरीर पर कुल 14 घाव हैं। साजिद को कुल 5 गोलियां लगी हैं और उनसे 12 घाव हुए हैं। जिसमें से 3 गोलियां दांहिनी पेशानी के ऊपर, एक गोली पीठ पर बाएं ओर और एक गोली दाहिने कन्धे पर लगी हैं। मोहम्मद साजिद को लगने वाली तमाम गोलियां नीचे की ओर निकली हैं जैसे एक गोली जबड़े के नीचे से (ठोड़ी और गर्दन के बीच) सर के पिछले हिस्से से और सीने से। साजिद के शरीर से 2 धातु के टुकड़े (Metaiic Object)मिलने का रिपोर्ट में उल्लेख है, जिसमें से एक का साइज 8x1 सेमी है। जबकि दूसरा Metaiic Object पीठ पर लगे घाव (GSW -7) से टीशर्ट से मिला है। इस घाव के पास 5x1.5 सेमी लम्बा खाल छिलने का निशान है। पीठ पर बीच में लाल रंग की 4x2 सेमी की खराश है। इसके अलावा दाहिने पैर में सामने (घुटने से नीचे) की ओर 3.5ग2 सेमी का गहरा घाव है। इन देानों घावों के बारे में रिपोर्ट का कहना है यह घाव गोली के नहीं हैं। साजिद को लगे कुल 14 घावों में से रिपोर्ट में 7 घावों को बहुत गहरा (Cavity Deep) कहा गया है।

इनस्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा के बारे में रिपोर्ट का कहना है कि बाए कन्धे से 10 सेमी नीचे घाव के बाहरी हिस्से की सफाई की गई थी। मोहन चन्द्र शर्मा को 19 सिमम्बर 2008 को एल–18 में घायल होने के बाद निकटतम अस्पताल होली फैमली में भर्ती कराया गया था। उन्हें कन्धे के अलावा पेट में भी गोली लगी थी। रिपोर्ट के अनुसार पेट में गोली लगने से खून का ज्यादा स्राव हुआ और यही मौत का कारण बना। एनकाउन्टर के बाद यह सवाल उठाया गया था कि जब शर्मा को 10 मिनट के अन्दर चिकित्सक सहायता मिल गई थी और संवेदनशील जगह (Vital Part) पर गोली भी नहीं लगी थी तो फिर उनकी मौत कैसे हो गई ? यह भी सवाल उठाया गया था कि शर्मा को गोली किस तरफ से लगी ,आगे से या पीछे से ? क्योंकि यह भी कहा जा रहा था कि शर्मा पुलिस की गोली का शिकार हुए हैं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट इसकी व्याख्या नहीं कर पा रही है। होली फैमली अस्पताल जहां उन्हें पहले लाया गया था और बाद में वहीं उनकी मौत भी हुई, में उनके घावों की सफाई की गई। लिहाजा पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर यह नहीं बता सके कि यह गोली के घुसने की जगह है या निकलने की। दूसरा कारण यह है कि शर्मा को एम्स में सफेद सूती कपड़े में ले जाया गया था और उनके घाव यहीं (Adhesive Lecoplast) से ढके हुए थे। रिपोर्ट में लिखा है कि जांच अफसर (I.O.) से निवेदन किया गया था कि वह शर्मा के कपड़े लैब में लाएं। ज्ञात रहे कि शर्मा का पोस्टमार्टम 20 सित्म्बर 2008 को 12 बजे दिन में किया गया था और उसी समय यह रिपोर्ट भी तैयार की गई थी।

मोहम्मद आतिफ अमीन को लगभग सारी गोलियां पीछे से लगी हैं। 8 गोलियां पीठ में लग कर सीने से निकली हैं। एक गोली दाहिने हाथ पर पीछे से बाहर की ओर से लगी है जबकि एक गोली बांईं जांघ पर लगी है और यह गोली हैरतअंगेज तौर पर ऊपर की ओर जाकर बायें कूल्हे के पास निकली हैं। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सम्बन्ध में प्रकाशित समाचारों और उठाये जाने वाले सवालों का जवाब देते हुए यह तर्क दिया कि आतिफ गोलियां चलाते हुए भागने का प्रयास कर रहा था और उसे मालूम नहीं था कि फ्लैट में कुल कितने लोग हैं इसलिए क्रास फायरिंग में उसे पीछे से गोलियां लगीं लेकिन एनकाउन्टर या क्रास फायरिंग में कोई गोली जांघ में लगकर कूल्हे की ओर कैसे निकल सकती है? आतिफ के दाहिने पैर के घुटने में 1.5ग1 सेमी का जो घाव है इसके बारे में पुलिस का कहना है कि वह गोली चलाते हुए गिर गया था। पीठ में गोलियां लगने से घुटने के बल गिरना तो समझ में आ सकता है, लेकिन विशेषज्ञ इस बात पर हैरान हैं कि फिर आतिफ के पीठ की खाल इतनी बुरी तरह कैसे उधड़ गई? पोस्मार्टम रिपोर्ट के अनुसार आतिफ के दाहिने कूल्हे पर 6 से 7 सेमी के भीतर कई जगह रगड़ के निशानात भी पाए गए।

साजिद के बारे में भी पुलिस का कहना है कि साजिद एक गोली लगने के बाद गिर गया था और वह क्रास फायरिंग के बीच आगया। इस तर्क को गुमराह करने के अलावा और क्या कहा जा सकता है कि साजिद को जो गोलियां लगी हैं उन में से तीन पेशानी (Fore Head) से नीचे की ओर आती हैं। जिसमें से एक गोली ठोेड़ी और गर्दन के बीच जबड़े से भी निकली है। साजिद के दाहिने कन्धे पर जो गोली मारी गई है वह बिल्कुल सीधे नीचे की ओर आई है। गोलियों के इन निशानात के बारे में पहले ही स्वतन्त्र फोरेन्सिक विशेषज्ञ का कहना था कि या तो साजिद को बैठने के लिए मजबूर किया गया या फिर गोली चलाने वाला ऊंचाई पर था। जाहिर है दूसरी सूरत उस फ्लैट में सम्भव नहीं है। दूसरे यह कि क्रास फायरिंग तो आमने सामने होती है ना कि उपर से नीचे की ओर।

साजिद के पैर के घाव के बारे में रिपोर्ट में यह कहा गया है कि यह किसी गैर धार वस्तु (Blunt Force by Object or Surface) से लगा है। पुलिस इसका कारण गोली लगने के बाद गिरना बता रही है, लेकिन 3.5x2 सेमी का गहरा घाव फर्श पर गिरने से कैसे आ सकता है? पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस आरोप की पुष्टि होती है कि आतिफ व साजिद के साथ मार पीट की गई थी।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेशानुसार इस प्रकार के केस में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट, वीडियो ग्राफी रिपोर्ट के साथ आयोग के कार्यालय भेजा जाए। लेकिन एम. सी. शर्मा की रिपोर्ट में केवल यह लिखा है कि घावों की फोटो पर आधारित सी. डी. सम्बंधित जांच अफसर के सुपुर्द की गई।

साल 2008 में होने वाले सीरियल धमाकों के बारे में विभिन्न रायें पाई जाती हैं। कुछ लोग इन तमाम घटनाओं को हेडली की भारत यात्रा से जोड़ कर देखते हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी की नेता सुषमा स्वराज ने अहमदाबाद धमाकों के बाद सवंाददाताओं से कहा था कि यह सब कांग्रेस करा रही है क्योंकि न्युक्लियर समझौते के मुद्दे पर लोकसभा में नोट की गड्डियों के पहुंचने से वह परेशान हैं और जनता के जेहन को मोड़ना चाहती है। समाजवादी पार्टी से निष्कासित सांसद अमर सिंह के अनुसार सोनिया गांधी बटला हाउस एनकाउन्टर की जांच कराना चाहती थी लेकिन किसी कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं लेकिन उन्होंने इस का खुलासा नहीं किया कि वह कारण क्या है?

बटला हाउस एनकाउन्टर की न्यायिक जांच की मांग केन्द्रीय सरकार के अलावा न्यायाल भी नकार चुके हैं। सबका यही तर्क है कि इससे पुलिस का मोराल गिरेगा। केन्द्रीय सरकार और न्यायालय जब इस तर्क द्वारा जांच की मांग ठुकरा रहे थे, उसी समय देहरादून में रणवीर नाम के एक युवक की एनकाउन्टर में मौत की जांच हो रही थी और अंत में पुलिस का अपराध सिद्व हुआ। आखिर पुलिस के मोराल का यह कौन सा आधार है जिस की रक्षा के लिए न्याय और पारदर्शिता के नियमों को त्याग दिया जा रहा है।

Friday, April 9, 2010

بٹلہ ہاوس انکاونٹر لہو پکارے ہے آستین کا : ابو ظفر عادل اعظمی






Batla Housse Enclounter: What does say the postmartuem Report?
Abu Zafar Adil Azmi
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